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महाकाल लोक:श्रद्धालु और खजाना दोनों नए शिखर पर, सितंबर 2022 में लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं की संख्या करीब 10 गुना; खजाना 3 गुना बढ़ा
उज्जैन में श्री महाकाल लोक बनने के बाद यहां आस्था और खजाना दोनों ही शिखर पर पहुंच गए हैं। पिछले छह महीने में महाकाल मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में प्रतिदिन 10 गुना तक की वृद्धि हुई है। मंदिर समिति के मुताबिक सितंबर 2022 तक यहां रोजाना 15 हजार श्रद्धालु ही पहुंचते थे, जो संख्या अब 1.25 लाख से 1.50 लाख पर पहुंच गई है।
शनिवार से सोमवार के बीच यह आंकड़ा रोजाना 2 लाख तक पहुंचता है। इससे मंदिर समिति के खजाने में भी इजाफा हुआ है। समिति के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 में 14.26 करोड़ रु. आए। सितंबर 2022 में यह आंकड़ा 4.97 करोड़ था। यानी, 6 माह में करीब 3 गुना का इजाफा हुआ है।
किस सुविधा का क्या शुल्क
- 750 रुपए है गर्भगृह का प्रवेश शुल्क।
- 250 रुपए शीर्घ दर्शन का शुल्क।
- 200 रुपए है भस्मआरती का शुल्क।
- मंगलवार से शुक्रवार आमजन दोपहर 12:30 से 4:30 बजे तक गर्भगृह में नि:शुल्क प्रवेश कर सकते हैं। रोजाना करीब 12 हजार श्रद्धालु गर्भगृह में प्रवेश करते हैं।
सितंबर में हुआ लोकार्पण
उज्जैन स्थित श्री महाकाल लोक का लोकार्पण सितंबर 2022 में हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 351 करोड़ से कराए सौंदर्य और विकास कार्यों का लोकार्पण किया था। पहले मंदिर का क्षेत्रफल 2.82 हेक्टेयर था, जो पहले चरण के बाद 20.33 हेक्टेयर हो गया है। इसे 47 हेक्टेयर करने का प्रस्ताव है।
दूसरे चरण के बाद 50% वृद्धि होगी
महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम जारी है। यह पूरा होने के बाद 50 प्रतिशत आय और बढ़ेगी। अभी जो भी कमियां थीं, उन्हें एक-एक कर दूर कर रहे हैं। यही कारण है कि उपलब्ध संसाधन में ही आय तेजी से बढ़ी है।